Jaivik-kheti

 जैविक खेती (Jaivik kheti) :-


Jaivik kheti
News/jagdalpur:- खेतों में रासायनिक खाद के अंधाधुंध प्रयोग और उससे होने वाले नुकसान को रोकने के लिए राज्य सरकार ने जैविक खेती (jaivik kheti) मिशन योजना शुरू की है।

जैविक खेती(jaivik kheti) करने वाले किसानों को प्रति एकड़ ₹10 हजार दिया जा रहा है। बस्तर जिले में शुरू हुई है योजना किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रही है।


किसानो से जुड़ी बाते (Kisano se judi bate)


किसानों की इस योजना से जुड़ने से जहां खेती का रकबा बढ़ रहा है वहीं किसानों को भी इसका फायदा मिल रहा है। पिछले साल 614 हेक्टेयर में जैविक खेती की गई थी जो इस साल बढ़कर 1314 हेक्टेयर तक पहुंच गई।

2015 में शुरू हुई जैविक खेती मिशन(jaivik kheti) का लाभ लेने के लिए 200 नए किसान इस साल पहली बार 700 हेक्टेयर में जैविक खेती करेंगे इन किसानों को इस योजना की जानकारी देने के साथ ही उन्हें कौन सी किस्म के बीज का उपयोग करना है।

इसकी जानकारी किसी विभाग के अफसर दे रहे हैं। जैविक खेती मिशन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश के 22 जिलों के एक से एक ब्लॉक का चयन किया है।

जितने बस्तर जिले के दरभा ब्लाक भी है पिछले साल दरबार ब्लॉक की मावली पदर और टॉपर का चयन जैविक खेती के लिए किया गया था।

मिशन के प्रभारी BR प्रसाद ने कहा कि बस्तर जिले में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए की गई कोशिश कारगर रहे है। ज्यादा किसान इस मिशन से जुड़ रहे हैं किसका फायदा उन्हें आगे मिलेगा जैविक खेती में हर काम के लिए मिलते हैं रुपया।

घटक अधिकतम अनुदान
राशि (रुपए में) 
खेत की तैयारी व बोनी 1500
बीज 700
बीज उपचार 100
तत्त्व प्रबंधन 4400
खरपतवार प्रबंधन1000
 जैविक कीट प्रबंधन 2300


कोदो कुटकी रागी नहीं अब केवल धान की खेती:-


जैविक खेती मिशन के तहत अब दरबार में को लूट की और राखी के साथ ही धान की खेती हो रही है। इस साल किसी विभाग ने अपनी योजना में बदलाव करते हुए मावली पदर और टॉपर के साथ ही चंद्र गिरी के तेरा 14 हेक्टेयर में धान की खेती करने की योजना बनाई है इसे लेकर किसानों ने अपनी सहमति भी दी है।


3 साल की बाध्यता के बाद भी तैयार है किसान :-


जैविक खेती मिशन के तहत योजना से जुड़ने वाले किसानों को 3 साल जैविक खेती करना अनिवार्य है।

इतने कठिन स्वर्ग होने के बाद भी किसान इस योजना से पीछे नहीं हट रहे हैं। मावली पदर किसान ने कहा कि 3 साल लगातार खेती करने के बाद उन्हें जैविक खेती करने का सर्टिफिकेट दिया जाता है।

इस समय धान और उड़द की खेती कर रहे हैं मिशन प्रभारी के मुताबिक इस योजना को शुरू करने में किसी प्रकार की परेशानी नहीं हुई। किसानों को खेती के लिए उपयोग में आने वाली सामग्री दी जा रही है।

Conclusion:-


बस्तर किसानों को इस मिशन द्वारा उपयोग द्वार बताया गया है जिससे बस्तर की किसान का हेल्प होता है। जैविक खेती(jaivik kheti) से बस्तर में ज्यादा फायदा होता है जैविक खेती(jaivik kheti) द्वारा उधान अलसी चन्ना बैगन टमाटर मक्का आदि जैसी फसलों को उगाया जाता है।

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