grain-fasal-koin-koin-se-hai

गर्मि में इन फसलों को उगा कर किसान ले सकते हैं लाभ ज्यादा मुनाफा(grain-fasal-koin-koin-se-hai) 

बारिश मे बर्बाद हुई फसल से जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई किसान कम खर्च और कम अवधि वाली फसलों लगाकर कुछ प्रतिशत तक  कर सकते हैं अप्रैल से जुलाई के बीच    लोकी   तोरई टमाटर बैगन लोबिया और मैं था जैसी फसलें उगाई जा सकती है

बे मौसम हुई बरसात से प्रदेश भर में गेहूं और तिलहन मिलाकर कुछ 45 पॉइंट 65 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद हुई है जिसमें किसानों की काफी नुकसान का सामना करना पड़ा है।


वैज्ञानिक द्वारा किसानों की सलाह(Advice of farmers by scientist) 

  •  मक्का:-किसान इस समय  मक्के की पायनियर 1844 किस्म की बुवाई कर सकते हैं। या यह किस्म  मक्के कि दूसरी किस्मों के मुकाबले कम समय के साथ-साथ अच्छी पैदावार भी देती है

grain-fasal-koin-koin-se-hai

  •  मूंग:-किसान सम्राट किस्म की मूंग की बुवाई कर सकती हैं यहां 60 से 65 दिनों में तैयार हो जाता है इसमें प्रति बीके कुल खर्चा सिर्फ 400 से ₹450 आता है।

grain-fasal-koin-koin-se-hai

  •  उड़द:- उड़द की पतवार किस्म की बुवाई इस समय की जा सकती है यह 60 से 65 दिनों में तैयार होती है और प्रति बीघा एक से डेढ़ क्विंटल की पैदावार होती है। प्रति बीघे कुल खर्च 250 से ₹3000 आता है।

grain-fasal-koin-koin-se-hai

  • मेथा:- कम समय में उगने वाले नगदी फसल मेथा भी शामिल है,इस स्थिति में मेंथा सिम क्रांति लगाना किसानों के लिए उचित रहेगा क्योंकि यह किस्म बाकी प्रजातियों से प्रति हेक्टेयर 10 से 20 फ़ीसदी ज्यादा तेल देगी या वैज्ञानिक के मुताबिक मौसम की छुटपुट बदलावों के प्रति प्रतिरोधी है यानी कम या ज्यादा बरसात होने पर इसकी उपज में अंतर नहीं पड़ेगा या प्रति हेक्टेयर 170 से 210 किलो लीटर तेल प्राप्त होगा।

grain-fasal-koin-koin-se-hai

  •  लोबिया:- मुख्य फसल धान को पहले किसान 60 दिन में पैदा करता है इस फसल को लोबिया भी बोल सकते हैं आमतौर पर लोबिया की सामान्य किस्म को तैयार होने से 120 से 125 दिन लगते हैं

grain-fasal-koin-koin-se-hai
grain-fasal-koin-koin-se-hai

Post a Comment

0 Comments